Vinesh Phogat news :
खेल मंत्रालय द्वारा रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनाव के नतीजे भंग करने और नए अध्यक्ष संजय सिंह को निलंबित करने के बाद भी खिलाड़ियों का रोष रुकने का नाम नहीं ले रहा है । पहले महिला रेसलर साक्षी मलिक ने रेसलिंग से संन्यास की घोषणा की थी और रोते हुए टेबल पर जूते रखकर प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया से बाहर चली गई थी और उसके बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री आवास के बाहर अपना पदम श्री अवार्ड लौटा दिया था । इसी कड़ी में आज विनेश फोगाट (Vinesh Phogat ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पूर्व में ट्विटर के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और अपनी और महिला पहलवानों को आ रही परेशानियों को जाहिर करते हुए अर्जुन अवार्ड और मेजर ध्यानचंद अवार्ड लौटने का ऐलान कर दिया ।
कौन है विनेश फोगाट (vinesh phogat) और क्यों है चर्चा में ?
विनेश फोगाट एक भारतीय महिला रेसलर है वह इकलौती भारतीय महिला रेसलर है जिन्होंने एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है । Vinesh phogat हरियाणा के गांव चरखी दादरी की रहने वाली है इनके पिता राजपाल फोगाट भी पूर्व रेसलर रह चुके हैं । उनकी चचेरी बहनें गीता फोगाट और बबीता फोगाट है और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं ।
पहले साक्षी मलिक (Sakhsi Malik ) के संन्यास की घोषणा फिर बजरंग पूनिया (Bajrang Punia )ने लौटाया पदम श्री और अब विनेश फोगाट (Vinesh Phogat )के खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड लौटाने के क्या है कारण ?
बता दे की काफी समय से खिलाड़ियों और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के बीच तकरार और विवाद चल रहा था । जिसमें खिलाड़ियों ने बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों के शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था और काफी समय तक जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन भी किया था । अब रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI ) के चुनाव में बीजेपी के एमपी बृजभूषण शरण सिंह (BRIJBHUSHN SINGH ) के करीबी संजय सिंह के WFI अध्यक्ष बनने पर पहलवानों में रोष था । फिर रेसलर साक्षी मलिक ने रेसलिंग से संन्यास की घोषणा की और फिर दौर शुरू हुआ अवार्ड वापसी का । पहलवान बजरंग पूनिया ने अपना पदम श्री अवार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लौटने की घोषणा की और प्रधानमंत्री आवास के बाहर अपना पदम श्री अवार्ड छोड़ आए । इसी क्रम में रेसलर विनेश फोगाट ( vinesh phogat ) ने भी सोशल मीडिया के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए अपना अर्जुन अवार्ड और मेजर ध्यानचंद लौटाने की घोषणा कर दी ।
क्या लिखा रेसलर विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में ?
विनेश फोगाट (vinesh phogat ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X ( पूर्व ट्विटर ) पर लिखा :
माननीय प्रधानमंत्री जी ,
साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग पूनिया ने अपना पदम श्री अवार्ड लौटा दिया है । देश के लिए ओलंपिक मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को यह सब करने के लिए किस लिए मजबूर होना पड़ा यह सब सारे देश को पता है , और आप तो देश के मुखिया है , तो आप तक भी यह मामला पहुंचा होगा । प्रधानमंत्री जी मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूँ और पिछले 1 साल से जिस हाल में हूं वह बताने के लिए आपको यह पत्र लिख रही हूँ , मुझे साल याद है 2016 जब साक्षी मलिक ओलंपिक में पदक जीतकर आई थी तो आपकी सरकार ने उन्हें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का ब्रांड एंबेसडर बनाया था । जब इसकी घोषणा हुई तो देश की हम सारी महिला खिलाड़ी खुश थी और एक दूसरे को बधाई संदेश भेज रही थी । आज जब साक्षी को कुश्ती छोड़नी पड़ी तो मुझे बार-बार साल 2016 याद आ रहा है क्या हम महिला खिलाड़ी सरकार के विज्ञापनों पर छपने के लिए ही बनी है , हमें उन विज्ञापनों पर छपने में कोई एतराज नहीं है क्योंकि उसमें लिखे नारे से ऐसा लगता है कि आपकी सरकार बेटियों के उत्थान के लिए गंभीर होकर काम करना चाहती है । मैंने ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना देखा था लेकिन यह सपना भी अब धुंधला पड़ता जा रहा है, बस यही दुआ करुंगी कि आने वाली महिला खिलाड़ियों का यह सपना जरूर पूरा हो पर हमारी जिंदगियां उन फैंसी विज्ञापनों जैसी बिल्कुल नहीं है। कुश्ती की महिला पहलवानों ने पिछले कुछ सालों में जो कुछ भोगा है उसे समझ आता ही होगा कि हम कितना घुट घुट कर जी रहे हैं । आपके वह फैंसी विज्ञापनों के फ्लेक्स बोर्ड भी पुराने पड़ चुके होंगे और अब साक्षी ने भी संन्यास ले लिया है। जो शोषण करता है उसने भी अपने दबदबे की मुनादी कर दी है , बल्कि बहुत भोंडे तरीके से नारे भी लगाए हैं । आप अपनी जिंदगी के सिर्फ 5 मिनट निकाल कर उसे आदमी के मीडिया में दिए गए बयानों को सुन लीजिए आपको पता लग जाएगा कि उसने क्या-क्या किया है । उसने महिला पहलवानों को मंथरा बताया है, महिला पहलवानों को असहज कर देने वाली बात सरेआम टीवी पर कबूली है, और हम महिला खिलाड़ियों को जलील करने का एक मौका भी नहीं छोड़ा है। इससे भी गंभीर बात बायह है कि उसने कितनी ही महिला पहलवानों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है यह बहुत ही भयावह है । कई बार इस सारी घटनाक्रम को भूल जाने का प्रयास भी किया लेकिन इतना आसान नहीं है सर ,जब मैं आपसे मिली थी तो यह सब आपको भी बताया था , हम न्याय के लिए पिछले 1 साल से सड़कों पर घिसाड रहे हैं कोई हमारी सुध नहीं ले रहा ।
सर हमारी मेडल और अवॉर्डों को ₹15 का बताया जा रहा है , लेकिन यह मेडल हमें हमारी जान से भी प्यारे हैं। जब हम देश के लिए यह मेडल जीती तो सारे देश ने हमें अपना गौरव बताया अब जब अपने न्याय के लिए आवाज उठाई तो हमें देशद्रोही बताया जा रहा है , प्रधानमंत्री जी मैं आपसे पूछना चाहती हूं क्या हम देशद्रोही हैं ?
बजरंग ने किस हालत में अपना पदम श्री लौटाने का फैसला लिया होगा , मुझे नहीं पता पर मैं उसकी वह फोटो देखकर अंदर ही अंदर घुट रही हूं उसके बाद मुझे भी अपने पुरस्कारों से घिन्न आने लगी है जब यह पुरस्कार मुझे मिले थे तो मेरी मां ने पड़ोस में मिठाई बांटी थी और मेरी काकी ताईयो को बताया था कि विनेश की टीवी में खबर आई है उसे देखना मेरी बेटी पुरस्कार लेते हुए कितनी सुंदर लग रही है ।
कई बार यह सोचकर घबरा जाती हूं कि मेरी काकी ताई टीवी में हमारी हालत देखी होगी तो वह मेरी मां को क्या कहती होंगी ? भारत की कोई मां यह नहीं जाएगी कि उसकी बेटी की यह हालत हो अब मैं पुरस्कार लेती उसे विनेश (vinesh ) की छवि से छुटकारा पाना चाहती हूं क्योंकि वह सपना था और अब जो हमारे साथ हो रहा है वह है हकीकत । मुझे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड दिया गया था , जिसका मेरी जिंदगी में अब कोई मतलब नहीं रह गया है। हर महिला सम्मान से जिंदगी जीना चाहती है , इसलिए प्रधानमंत्री सर, मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड आपको वापस करना चाहती हूं , ताकि सम्मान से जीने की राह में यह पुरस्कार हमारे ऊपर बोझ ना बन सके ।
सर हमारी मेडल और अवॉर्डों को ₹15 का बताया जा रहा है , लेकिन यह मेडल हमें हमारी जान से भी प्यारे हैं। जब हम देश के लिए यह मेडल जीती तो सारे देश ने हमें अपना गौरव बताया अब जब अपने न्याय के लिए आवाज उठाई तो हमें देशद्रोही बताया जा रहा है , प्रधानमंत्री जी मैं आपसे पूछना चाहती हूं क्या हम देशद्रोही हैं ?
बजरंग ने किस हालत में अपना पदम श्री लौटाने का फैसला लिया होगा , मुझे नहीं पता पर मैं उसकी वह फोटो देखकर अंदर ही अंदर घुट रही हूं उसके बाद मुझे भी अपने पुरस्कारों से घिन्न आने लगी है जब यह पुरस्कार मुझे मिले थे तो मेरी मां ने पड़ोस में मिठाई बांटी थी और मेरी काकी ताईयो को बताया था कि विनेश की टीवी में खबर आई है उसे देखना मेरी बेटी पुरस्कार लेते हुए कितनी सुंदर लग रही है ।
कई बार यह सोचकर घबरा जाती हूं कि मेरी काकी ताई टीवी में हमारी हालत देखी होगी तो वह मेरी मां को क्या कहती होंगी ? भारत की कोई मां यह नहीं जाएगी कि उसकी बेटी की यह हालत हो अब मैं पुरस्कार लेती उसे विनेश (vinesh ) की छवि से छुटकारा पाना चाहती हूं क्योंकि वह सपना था और अब जो हमारे साथ हो रहा है वह है हकीकत । मुझे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड दिया गया था , जिसका मेरी जिंदगी में अब कोई मतलब नहीं रह गया है। हर महिला सम्मान से जिंदगी जीना चाहती है , इसलिए प्रधानमंत्री सर, मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड आपको वापस करना चाहती हूं , ताकि सम्मान से जीने की राह में यह पुरस्कार हमारे ऊपर बोझ ना बन सके ।
आपके घर की बेटी
विनेश फोगाट
विनेश फोगाट
Vinesh Phogat ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर किया ट्वीट जिसे 12 लाख लोगों ने देखा :
मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूँ।
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 26, 2023
इस हालत में पहुँचाने के लिए ताकतवर का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 pic.twitter.com/KlhJzDPu9D
इससे पूर्व पहले पहलवान बजरंग पूनिया के पदम श्री अवॉर्ड लौटाने के ऐलान पर भी vinesh phogat सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर किया था ट्वीट :
किसी खिलाड़ी के मरने पर रोने का इंतज़ार करना अभी 🙏
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 22, 2023
आपका नया भारत देश मुबारक हो महिलाओं के सम्मान में 🙏 https://t.co/peF3jOPLk1
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