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रघुराम राजन पूर्व में 2013 से 2016 तक भारत के केंद्रीय बैंक आरबीआई(Reserve Bank of India) के गवर्नर रह चुके हैं। राजन एक बड़े अर्थशास्त्री हैं जिन्होंने गवर्नर बनने से पहले सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार और IMF (INTERNATIONAL MONETORY FUND) के मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में भी कार्य किया है।
रघुराम राजन अपनी नई किताब "ब्रेकिंग द मोल्ड (Breaking The Mould)" के प्रमोशन के लिए अभी भारत आए हुए हैं। हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में जब रघुराम राजन जी से पूछा गया की उनका भारत की जीडीपी ग्रोथ और भारत के आर्थिक विकास के लिए क्या अनुमान है तो उन्होंने जवाब में कहा कि अगर भारत अपने आर्थिक विकास की गति को और अधिक तेजी से नहीं बढ़ता है और इसी गति से विकास की ओर अग्रसर रहता है तो भी भारत 2047 तक निम्न मध्यम आय वर्ग वाला ही बना रहेगा और अमीर होने से पहले ही जनसांख्यिकीय रूप से बूढ़ा हो जाएगा। अमीर देश की सूची में शामिल होने के लिए देश को अपनी तरक्की की रफ्तार को और अधिक तेजी से बढ़ना होगा।
अन्य महत्वपूर्ण बातें -
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भारत की अर्थव्यवस्था 6.3 फ़ीसदी रहने का अनुमान- रघुराम राजन ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की विकास दर
6.3 फ़ीसदी रहने का अनुमान है।
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5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना असंभव- राजन के अनुसार अभी फिलहाल भारत लगभग 3.5 ट्रिलियन डॉलर की
अर्थव्यवस्था है और जिस हिसाब से भारत के विकास की दर है उसके अनुसार
2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना लगभग असंभव है।
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दुगनी करनी होगी विकास की रफ्तार - उन्होंने कहा कि अगर भारत 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की
अर्थव्यवस्था बनना चाहता है तो भारत को लगभग 12 से 15% वास्तविक विकास दर
से बढ़ना होगा जो की वर्तमान विकास दर से लगभग दोगुनी के बराबर
होगा।
"रघुराम राजन" संक्षिप्त परिचय
रघुराम राजन का नाम देश के बड़े-बड़े विद्वान अर्थशास्त्रियों में बहुत
ही आदर से लिया जाता है। वे 2013 से 2016 के बीच भारत के मुख्य केंद्रीय
बैंक भारतीय रिजर्व बैंक(Reserve Bank of India) के सबसे ऊंचे पद गवर्नर
के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं। इस दौरान उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था
को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे
विश्व के दूसरे सबसे बड़े मंच IMF के मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में कार्य कर
चुके हैं।